SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

Blog Article

थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥

धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

It can be believed that common chanting of Chalisa delivers joy, peace, and prosperity inside the life with the devotees.

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥

दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें

प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥

Whosoever delivers incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with love and devotion, enjoys content contentment and spiritual bliss Within this earth and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken out the struggling of all and grants them Everlasting bliss.

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - shiv chalisa lyricsl भजन

Report this page